
देश की इन 5 जगहों में भारतीयों की है NO Entry, जानिए इसकी वजह
वैसे तो अपने देश में कहीं भी घूमने की आजादी है. दुनिया भर से लोग भारत में घूमने आते हैं. आपको ये तो पता ही होगा कि दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जहां भारतीयों के जाने पर प्रतिबंध है. लेकिन अपने देश में भी कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां भारतीय लोग नहीं जा सकते. ये बात जानकर आपको हैरानी जरूर हुई होगी पर ये बिल्कुल सच है. आज हम आपको अपने देश की ऐसी 5 जगहों के बारे में बताएंगे जहां भारतीय नहीं जा सकते. तो अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं और ये जगह आपकी लिस्ट में हैं तो इसे केंसल कर दीजिए.
हिमाचल प्रदेश के कसोल में बना हुआ फ्री कसोल कैफे में भारत के नागरिक नहीं जा सकते. इसे इजराइली मूल के लोग चलाते हैं. ऐसा करने के पीछे यहां के कैफे मालिक का कहना है कि ‘यहां आने वाले ज्यादातर भारतीय पर्यटक पुरुष होते हैं, जो कि यहां दूसरे पर्यटकों से दुर्व्यवहार करते हैं.’ इस कैफे के आसपास सभी साइन बोर्ड भी हिब्रू भाषा में हैं.
हिमाचल प्रदेश के कसोल में बना हुआ फ्री कसोल कैफे में भारत के नागरिक नहीं जा सकते. इसे इजराइली मूल के लोग चलाते हैं. ऐसा करने के पीछे यहां के कैफे मालिक का कहना है कि ‘यहां आने वाले ज्यादातर भारतीय पर्यटक पुरुष होते हैं, जो कि यहां दूसरे पर्यटकों से दुर्व्यवहार करते हैं.’ इस कैफे के आसपास सभी साइन बोर्ड भी हिब्रू भाषा में हैं.
फॉर्नर्स ओन्ली’ बीच, गोवा

गोवा पर्यटकों का सबसे पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट है. ये खूबसूरत समुद्री बीचों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. यहां भारत ही नहीं दुनिया भर से टूरिस्ट आते हैं. लेकिन यहां कई ऐसे निजी बीच हैं, जहां भारतवासी नहीं जा सकते. यहां सिर्फ विदेशी लोगों को ही इंट्री मिलती है. इसके पीछे यहां के बीच मालिकों का तर्क यह है कि ऐसा नियम उन्होंने ‘बिकनी पहने विदेशी पर्यटकों’ को छेड़खानी से बचाने के लिए बनाया है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने कई बीच पर भारतीय पर्यटकों का प्रवेश वर्जित कर रखा है.
यूनो-इन होटल, बेंगलुरु 
ये होटल साल 2012 में बेंगलुरु में बना था. ये खासतौर पर जापानी लोगों के लिए बनाया गया था. साल 2012 में स्थापित इस होटल पर नस्लवाद के गंभीर आरोप लगे थे और साल 2014 में ग्रेटर बैंगलोर सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा होटल को बंद करवा दिया गया था. होटल मालिक का कहना था कि उन्होंने जापान की कई कंपनियों के साथ डील करके ये होटल बनाया था, जिसके चलते वे होटल में केवल जापानियों को ही एंट्री देते थे.